आज का हिन्दू पंचांग दिनांक – 22 जनवरी 2025
दिन – बुधवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – उत्तरायण
ऋतु – शिशिर
मास – माघ
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अष्टमी दोपहर 03:18 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र – स्वाति रात्रि 02:24 जनवरी 23 तक, तत्पश्चात विशाखा
योग – शूल प्रातः 04:38 जनवरी 23 तक, तत्पश्चात गण्ड
राहु काल – दोपहर 12:51 से दोपहर 02:14 तक
सूर्योदय – 07:26
सूर्यास्त – 06:16
दिशा शूल – उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:38 से 06:30 तक
अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 जनवरी 23 से रात्रि 01:17 जनवरी 23 तक
व्रत पर्व विवरण – बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से दोपहर 03:18 तक)
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है व नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
घर में सुख-सम्पदा व बरकत का अचूक उपाय
🔸सुबह जब घर में भोजन बने तो सबसे पहलेवाली रोटी अन्य रोटियों से थोड़ी बड़ी बनायें और इसे अलग निकाल लें । इस रोटी के चार बराबर टुकड़े कर लें और इन चारों पर कुछ मीठा जैसे – खीर, गुड़ या शक्कर रख दें ।
👉 सबसे पहले एक टुकड़ा गाय को खिला दें और भगवान से प्रार्थना करें । धर्मग्रंथों के अनुसार गाय में सभी देवताओं का निवास होता है इसलिए सबसे पहले रोटी गाय को ही दी जाती हैं ।
👉 फिर दूसरा टुकड़ा कुत्ते को खिला दें । ’शिवपुराण’ के अनुसार ‘कुत्ते को रोटी खिलाते समय बोलना चाहिए कि ‘यमराज के मार्ग का अनुसरण करनेवाले जो श्याम और शबल नाम के दो कुत्ते हैं, मैं उनके लिए यह अन्न का भाग देता हूँ । वे इस भोजन को ग्रहण करें ।’ इस श्वानबलि कहते हैं |’
👉 रोटी के तीसरे भाग को कौओं को खिला दें और बोलें : ‘पश्चिम, वायव्य, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में रहनेवाले जो पुण्यकर्मा कौए हैं, वे मेरे इस दिये हुए भोजन को ग्रहण करें ।’ इसे काकबलि कहते हैं ।
👉 अब रोटी का अंतिम टुकड़ा एवं कुछ अन्न घर पर आये किसी भिक्षु को दे दें ।
🔸यह छोटा-सा उपाय रोज करने से आपको औदार्य सुख (उदारता का सुख) मिलेगा और आपकी किस्मत कुछ ही दिनों में बदल जायेगी ।