2 February 2025
2 February 2025 आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 02 फरवरी 2025
दिन – रविवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – उत्तरायण
ऋतु – शिशिर
मास – माघ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्थी प्रातः 09:14 तक तत्पश्चात पञ्चमी
नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद रात्रि 12:52 फरवरी 03 तक, तत्पश्चात रेवती
योग – शिव प्रातः 09:14 तक, तत्पश्चात सिद्ध
राहु काल – शाम 05:04 से शाम 06:28 तक
सूर्योदय – 07:22
सूर्यास्त – 06:23
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:36 से 06:28 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 फरवरी 03 से रात्रि 01:19 फरवरी 03 तक
व्रत पर्व विवरण – वसन्त पञ्चमी, रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 07:19 से प्रातः 07:19 फरवरी 03 तक)
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है व पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
स्वप्न में देशी गौवंश व गौ-उत्पादों के दर्शन से शुभ फल
स्वप्न में गौओं, उनसे प्राप्त दूध, दही आदि गव्यों तथा प्रसंगों, क्रियाओं के दर्शन से नीचे दिये अनुसार विभिन्न फल प्राप्त होते हैं ।
१] साँड अथवा गौ-दर्शन से कल्याण-लाभ, व्याधि-नाश, कुटुम्ब-वृद्धि होती है । सभी काली वस्तुओं का दर्शन निंद्ध माना जाता है जबकि काली गाय का दर्शन शुभ होता है । गौ के थन को चूसना भी श्रेष्ठ माना गया है ।
२] गौ का घर में ब्याना, बैल या साँड की सवारी करना, तालाब के बीच में घी-मिश्रित खीर का भोजन उत्तम माना गया है । घी सहित खर का भोजन तो राज्यप्राप्ति का सूचक माना गया है ।
३] स्वप्न में ताजे दुहे हुए फेनसहित दुग्ध का पान करनेवाले को अनेक भोगों की तथा दही के दर्शन से प्रसन्नता की प्राप्ति होती है ।
४] जो बैल अथवा साँड से युक्त रथ पर अकेला सवार होता है और उसी अवस्था में जाग जाता है उसे शीघ्र धन मिलता है ।
५] घी मिलने या दही खाने से यश की तथा दही मिलने से धन की प्राप्ति निश्चित है | इसी प्रकार यात्रा आरम्भ करते समय दही और दूध का दिखना शुभ शकुन माना गया है ।
६] दही-भात खाने से कार्यसिद्धि होती है तथा बैल पर चढ़ने से धन-लाभ होता है एवं व्याधि से छुटकारा मिलता है ।
स्वप्न में उपरोक्त अनुसार देशी गोवंश व गाय के दूध-दही आदि के दर्शनमात्र से यदि इतना फल मिल सकता है तो प्रत्यक्ष देशी गाय के दर्शन व सेवा से कितना महान फल मिलता होगा, आप सोच सकते हैं लेकिन जो भी सोचेंगे फल उससे कई-कई गुना अधिक ही होगा ।
रविवार विशेष
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है