Dhadak 2 Review: सिद्धांत चतुर्वेदी और त्रिप्ती डिमरी की प्रेम कहानी

Published On: August 27, 2025
Follow Us
Dhadak 2 Review

Dhadak 2 Review: सिनेमा हमेशा से हमारे जीवन का आईना रहा है। जब हम पर्दे पर प्रेम कहानियां देखते हैं, तो कहीं न कहीं हमें उसमें अपना अक्स दिखाई देता है। धड़क 2 भी एक ऐसी ही फिल्म है, जो केवल दो दिलों की धड़कनों की कहानी नहीं, बल्कि समाज की जकड़नों से जूझते हुए प्रेम की गाथा है। यह फिल्म दर्शकों को रोमांस, भावनाओं और सामाजिक यथार्थ का अनूठा संगम दिखाती है।

कहानी का मूल

फिल्म की कहानी कॉलेज में पढ़ रहे नीलश और विदि के इर्द-गिर्द घूमती है। दोनों एक-दूसरे से गहराई से प्यार करने लगते हैं। लेकिन उनका यह रिश्ता सिर्फ दो दिलों का मिलन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी जंग की शुरुआत है जिसमें समाज की जातिगत दीवारें सबसे बड़ी बाधा बनकर सामने आती हैं। यह फिल्म बताती है कि प्यार करने वाले सिर्फ अपने रिश्ते के लिए नहीं, बल्कि अपनी पहचान और जीने के हक के लिए भी लड़ते हैं।

अभिनय जो दिल को छू ले

Dhadak 2 Review - pic from X User
Dhadak 2 Review – pic from X User

 

Dhadak 2 Review: सिद्धांत चतुर्वेदी ने नीलश के किरदार में अपनी अदाकारी से जान डाल दी है। उनके अभिनय में एक संघर्षशील नौजवान की आत्मा झलकती है, जो टूटता है, बिखरता है लेकिन फिर भी खड़ा होकर दुनिया से अपने प्यार को स्वीकार करवाने की जिद करता है। दूसरी ओर, त्रिप्ती डिमरी ने विदि के किरदार को बेहद सहजता और गहराई से निभाया है। उनके अभिनय ने इस किरदार को जीवंत बना दिया है, खासकर उन दृश्यों में जहां वह समाज के बंधनों के खिलाफ आवाज उठाती हैं। दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री दर्शकों को दिल छूने वाली लगती है।

सामाजिक सच्चाई का आईना

धड़क 2 केवल एक रोमांटिक फिल्म नहीं है। यह जातिवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर खुलकर बात करती है। यह हमें याद दिलाती है कि समाज में अभी भी ऐसे वर्ग हैं जहां दो अलग पृष्ठभूमि से आए लोगों का मिलन आसान नहीं है। फिल्म यह संदेश देती है कि प्रेम किसी जाति, धर्म या समाज का बंधन नहीं मानता। प्रेम स्वतंत्र है और उसे किसी भी बंधन में बांधना इंसानियत के खिलाफ है।

दर्शकों की प्रतिक्रिया

Dhadak 2 Review
Dhadak 2 Review – pic from X User

Dhadak 2 Review: फिल्म रिलीज़ होने के बाद से ही दर्शकों में इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। जहां कुछ लोगों ने इसकी गहरी भावनाओं और मजबूत संदेश की तारीफ की, वहीं कुछ दर्शकों ने इसके गंभीर ट्रीटमेंट को ‘हार्ड-हिटिंग’ बताया। खासकर क्लाइमैक्स दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ जाता है। यह फिल्म उन कहानियों में से है जो खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक मन में गूंजती रहती हैं।

संगीत और निर्देशन

फिल्म का संगीत इसकी भावनाओं को और गहराई देता है। गानों में वो मिठास और दर्द है जो प्रेम कहानियों को यादगार बनाते हैं। निर्देशन की बात करें तो शाज़िया इक़बाल ने इस कहानी को बेहद संजीदगी और संवेदनशीलता से पेश किया है। कैमरे की नजर से कहानी का हर फ्रेम दर्शकों को वास्तविकता के करीब लेकर जाता है।

OTT पर रिलीज़

Dhadak 2 Review: जिन लोगों ने इसे थिएटर में मिस कर दिया, उनके लिए खुशखबरी यह है कि फिल्म जल्द ही OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ होने वाली है। अनुमान है कि सिनेमाघरों में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद यह फिल्म सितंबर 2025 के मध्य से अंत तक दर्शकों के लिए डिजिटल रूप से उपलब्ध होगी। तब आप अपने घर की स्क्रीन पर इस संवेदनशील और रोमांटिक सफर का हिस्सा बन पाएंगे।

निष्कर्ष: धड़क 2 सिर्फ एक फिल्म नहीं है, यह प्रेम और समाज के संघर्ष की एक जीवंत दास्तां है। इसमें जहां भावनाएं आपको रुलाती हैं, वहीं किरदारों की मजबूती आपको प्रेरित भी करती है। यह फिल्म बताती है कि प्यार सिर्फ दिल की धड़कन नहीं, बल्कि हिम्मत और बदलाव की आवाज भी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख पूरी तरह से मौलिक और स्वतंत्र रूप से लिखा गया है। इसमें किसी भी वेबसाइट या अन्य स्रोत की प्रतिलिपि नहीं की गई है। लेख केवल जानकारी और मनोरंजन के उद्देश्य से लिखा गया है।

 

SATISH KUMAR

मेरा नाम सतीश कुमार है, टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी लिखना मेरा जुनून है। लोगों तक नए गैजेट्स, कारोबार की खबरें और मनोरंजन की जरूरी बातें आसान और भरोसेमंद अंदाज़ में पहुँचाना मेरा मकसद है ।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now