Astronaut Shubhanshu Shukla : भारत का गर्व, सितारों की ओर एक भारतीय उड़ान

Published On: June 30, 2025
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Astronaut Shubhanshu Shukla

Astronaut Shubhanshu Shukla की प्रेरणादायक कहानी 15 जुलाई 1988 को जन्मे इसरो वैज्ञानिक का सफर गांव से गगनयान तक

Astronaut Shubhanshu Shukla

कुछ लोग ज़मीन पर रहते हुए भी आकाश की बुलंदियों को छू लेते हैं। ऐसे ही एक नाम हैं शुभांशु शुक्ला, जो भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नई उम्मीद और ऊर्जा लेकर आए हैं। छोटे शहर से निकलकर दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण मिशन का हिस्सा बनने वाले शुभांशु ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, समर्पण और सपना — इंसान को सितारों तक पहुँचा सकता है।

Astronaut Shubhanshu Shukla
Astronaut Shubhanshu Shukla

जन्मतिथि और मूल स्थान

जन्मतिथि: 15 जुलाई 1988
जन्मस्थान: प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत

एक छोटे से गांव में जन्मे शुभांशु का जीवन बचपन से ही सामान्य नहीं था। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा बड़े सपने देखे।

शिक्षा से बना उड़ान का रास्ता

Astronaut Shubhanshu Shukla ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा उत्तर प्रदेश के एक सरकारी विद्यालय से पूरी की। इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित IIT कानपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
अपनी पढ़ाई के दौरान ही उन्हें अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में विशेष रुचि उत्पन्न हुई, और उन्होंने उसी दिशा में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया।

गगनयान मिशन का गर्व

गगनयान मिशन, भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, और शुभांशु शुक्ला को इसके लिए चुना जाना न केवल उनकी जीत है, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। वह उन चार वैज्ञानिकों में से एक हैं, जिन्हें गहन प्रशिक्षण के बाद इस ऐतिहासिक मिशन के लिए चयनित किया गया।

अंतरिक्ष यात्रा की कठिन तैयारी

उन्होंने रूस में Roscosmos के अंतर्गत ज़ीरो ग्रैविटी ट्रेनिंग, स्पेसवॉक प्रैक्टिस, और अंतरिक्ष यान संचालन में गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया। साथ ही, ISRO में भी उनके प्रशिक्षण का एक हिस्सा पूरा हुआ जहाँ उन्हें भारतीय अंतरिक्ष यानों की बारीक समझ दी गई।

युवाओं के लिए एक प्रेरणा

Astronaut Shubhanshu Shukla की कहानी यह संदेश देती है कि अगर आप में जुनून हो, तो दुनिया की कोई भी ऊंचाई आपकी पहुंच से बाहर नहीं। वह आज न केवल अंतरिक्ष यात्री हैं, बल्कि युवाओं के लिए संघर्ष, लगन और सफलता का एक चमकता उदाहरण हैं।

निष्कर्ष

Astronaut Shubhanshu Shukla का सफर यह बताता है कि कोई भी सपना असंभव नहीं होता — बस ज़रूरत होती है मेहनत, मार्गदर्शन और आत्मविश्वास की। आने वाले समय में वह भारत को अंतरिक्ष में एक नई पहचान दिलाएंगे।

Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है।  पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों की पुष्टि जरूर करें।

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SATISH KUMAR

मेरा नाम सतीश कुमार है, टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी लिखना मेरा जुनून है। लोगों तक नए गैजेट्स, कारोबार की खबरें और मनोरंजन की जरूरी बातें आसान और भरोसेमंद अंदाज़ में पहुँचाना मेरा मकसद है ।

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