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04 February 2025

04 February 2025

आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक – 04 फरवरी 2025
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – उत्तरायण
ऋतु – शिशिर
मास – माघ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – सप्तमी रात्रि 02:30 फरवरी 05 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – अश्विनी रात्रि 09:49 तक, तत्पश्चात भरणी
योग – शुभ रात्रि 12:06 फरवरी 05 तक, तत्पश्चात शुक्ल
राहु काल – दोपहर 03:42 से शाम 05:05 तक
सूर्योदय – 07:21
सूर्यास्त – 06:25
दिशा शूल – उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:36 से 06:27 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 फरवरी 05 से रात्रि 01:19 फरवरी 05 तक
व्रत पर्व विवरण – रथ सप्तमी, नर्मदा जयंती, विश्व कैंसर दिवस, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (प्रातः 07:18 से रात्रि 09:49 तक)
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

शात्रों में वर्णित गौ-महिमा

जो प्रतिदिन स्नान करके गौ का स्पर्श करता है, वह मनुष्य सब प्रकार के स्थूल पापों से भी मुक्त हो जाता है । जो गौओं के खुर से उडी हुई धूल को सिर पर धारण करता है, वह मानो तीर्थ के जल में स्नान कर लेता है और सभी पापों से छुटकारा पा जाता है । (पद्म पुराण, सृष्टि खंड, अध्याय:५७)

गौ का स्पर्श करने, सात्त्विक-सदाचारी ब्राह्मण को नमस्कार करने और सद्गुरु, देवता का भलीभाँति पूजन करने से गृहस्थ सारे पापों से छुट जाते हैं । (स्कंद पुराण, प्रभास खंड)

गंडस्पर्श कर लेने मात्र से ही गौएँ मनुष्य के समस्त पापों को नष्ट कर देती हैं और आदरपूर्वक सेवन किये जाने पर अपार सम्पत्ति प्रदान करती हैं । वे ही गायें दान दिये जाने पर सीधे स्वर्ग ले जाती हैं । ऐसी गौओं के समान और कोई भी धन नहीं हैं । (बृहत्पराशर स्मृति)

जो प्यास से व्याकुल हुई गौओं को पानी पीने से विघ्न डालता है, उसे ब्रह्मघाती समझना चाहिए । (महाभारत, अनुशासन पर्व : २४.७ )

जो एक वर्ष तक प्रतिदिन स्वयं भोजन के पहले दुसरे की गाय को एक मुट्ठी घास खिलाता है, उसका वह व्रत समस्त कामनाओं को पूर्ण करनेवाला होता है । (महाभारत, अनुशासन पर्व : ६९.१२)

प्रतिपदा का चन्द्र-दर्शन केवल गाय ही कर पाती है । यमदूतों व प्रेतत्माओं को देख लेने में गाय सक्षम है । उनके दिखने पर वह विशिष्ट प्रकार की आवाज निकालने लगती है । गाय रँभाने की तरंगे जहाँ तक पहुँचती हैं वहाँ तक आसुरी शक्तियों का प्रभाव नष्ट हो जाता है ।

लोक कल्याण सेतु –  अक्टूबर २०१९ से

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